देश में टैक्स भुगतान Refund, अनुपालन तथा कई किस्म के Taxes के कारण लम्बे समय से Tax ढांचे में सुधारों की मांग होती रही है। नीतिगत बदलाव व बड़े कदम उठाने की आवश्यकता थी परंतु राजनैतिक स्तर पर भी चर्चाओं के बावजूद इच्छाशक्ति की कमी के कारण कोई सरकार निर्णय नहीं कर सकी।
2014 के पश्चात प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने टैक्स सुधार, One Nation One Tax पर निर्णय लिया और 2017 में GST के रूप में एक समावेशी व पारदर्शी Tax ढांचे को लागू किया व कमियां दूर करने व Tax ढांचे को अनुकूल बनाने हेतु GST कौंसिल के माध्यम से कई सुधार किये।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले से GST में Next Generation Reform की घोषणा के क्रम में 03.09.2025 को भारत की वित्त मंत्री ने GST 2.0 की घोषणा की। 2017 में GST लागू होने के बाद 03 सितम्बर 2025 को GST 2.0 एक व्यापक बदलाव है, 5, 12, 18 व 28 के 4 स्लैब के स्थान पर 5 व 18 दो स्तरीय Tax ढांचे में बदला गया है तथा नुकसान देह व विलासिता पूर्ण वस्तुओं पर 40% का विशेष कर लगाया गया है। नये कर ढांचे का मकसद उपभोक्ताओं को लाभ व परिवार के खर्च में सुधार करना है क्रय शक्ति बढ़ने अनुपालन सरल होने का सीधा लाभ आम आदमी होगा। GST की दरों में बदलाव ने आम आदमी के जीवन को आसान बना दिया है। रोजमर्रा की जरूरतों के सामान पर GST की वर्तमान दरों से बड़ी राहत मिलेगी। कृषि को विकसित करना व किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना मोदी जी का लक्ष्य है GST के संशोधन कृषि व किसान हितैषी है। इन सुधारों से देश के 10 करोड़ से ज्यादा सीमांत किसानों को कृषि उपकरण, टैक्टर, बीज, पेस्टीसाईड, थ्रेसर आदि के माध्यम से सीधा लाभ मिलेगा। हजारों रूपये की सीधी बचत होगी, कटाई बुआई की मशीनों की कीमत कम होने से लागत कम होगी तो आमदनी बढ़ेगी।
ये सुधार पूरे देश की आर्थिक चक्र को गति व आत्मनिर्भरता के लिये एक अवसर देंगे। इसका सकारात्मक असर आम लोगों के साथ-साथ बाजार, लघु व कुटीर उद्योग पर भी पड़ेगा, कच्चा माल सस्ते में मिलने से उत्पादन लागत घटेगी, MSME पशुपालन, डेरी स्वयं सहायता समूह, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, मछली पालन, सहकारी समितियों के माध्यम से ग्रामीण आर्थिकी में नई समृद्धि आयेगी। गरीबी रेखा के बाहर आये हासिये के लोगों की बचत बढ़ाने से नव मध्यम वर्ग का सृजन होगा जिससे लोग शिक्षा, स्वास्थ्य आदि पर खर्चा करके जीवन सकारात्मक बदलाव लाने में सफल होंगे। अमेरिकी टैरिफ की अनिश्चितता के बावजूद, मांग बढ़ने से उत्पादन व बिक्री में बढ़त तथा रोजगार के कई गुना अवसर बढ़ने से आने वाले वर्ष में 0.6% से 0.8% GDP में वृद्धि का अनुमान है। इसका असर भविष्य में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। नवरात्र से दीपावली, छठ पूजा तक 3.5 से 4 लाख करोड़ की खरीदारी की संभावना है।
विपक्षी दल बेचैन है, सुधारों पर प्रश्न खड़े कर रहे है, जनता का समर्थन न मिलने के कारण कभी GST को गब्बर सिंह Tax कहने वालों की पीड़ा और बढ़ जाती है, जब GST Slab में बदलाव का श्रेय श्री नरेन्द्र मोदी जी को मिलता है।
GST-2 से मोदी सरकर मध्यम वर्ग समर्थक और उपभोक्ता समर्थक/अभियान को मजबूत कर रही है। दो स्तरीय ढांचा होने से अनुपालन सम्बंधी कठिनाईयां कम होगी, मुकदमें घटेंगे व इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) रिफंड में देरी को भी दूर किया गया है। इससे वैश्विक टैरिफ से मुकाबला करना व विकास को बढ़ावा मिलेगा। संरचनात्मक बदलावों से कारोबार को लाभ होना तय है। Make in India आत्मनिर्भर भारत की संभावना बढ़ेगी जिससे विदेशों पर निभर्रता कम होगी। रोजगारों का सृजन होने से नये अवसर प्राप्त होंगे जिससे उपभोक्ता खर्च, क्रय शक्ति बढ़ने का सीधा सकारात्मक प्रभाव देश की GDP पर पड़ेगा ।

( लेखक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंदीय गृहराज्य मंत्री हैं )